Mutual Fund Investment SIP or Lumpsum : Which is Best? मिलेगा 2.5 करोड़ रुपए ….

Ranvir Kumar

Mutual Fund

जब बात निवेश की आती है, तो आज के समय में SIP या फिर Lumpsum में निवेश करना एक बेहतरीन विकल्प है। सरकार द्वारा प्रदान की जाने वाली निवेश योजनाएं जैसे RBI Bonds, MIS, Senior Citizen Savings Scheme, Sukanya Samriddhi Scheme, PPF, NSC, और Kisan Vikas Patra जैसे विकल्पों के बाद, दूसरा एक महत्वपूर्ण विकल्प है Mutual Fund

Mutual Fund में, आप low risk पर high return प्राप्त कर सकते हैं। लेकिन सवाल यह है कि निवेशकों को SIP के जरिए नियमित निवेश करना चाहिए या एकमुश्त निवेश यानी Lumpsum के रूप में निवेश करना चाहिए?

  • SIP (Systematic Investment Plan) एक ऐसा तरीका है जिसमें आप हर महीने एक निश्चित राशि Mutual Fund में निवेश करते हैं। इससे बाजार की अस्थिरता का असर कम होता है और यह  “Rupee Cost Averaging”  का लाभ देता है।
  • दूसरी ओर, Lumpsum में एक बार में एक बड़ी राशि निवेश की जाती है, जो बाजार के सही समय पर निवेश करने पर अच्छा रिटर्न दे सकती है।

अतः, आप अपनी वित्तीय स्थिति और निवेश लक्ष्यों के आधार पर SIP या फिर Lumpsum में निवेश का विकल्प चुन सकते हैं।

Mutual Fund क्या है?

SIP और Lumpsum के बीच अंतर को समझने से पहले Mutual Fund की मूल बातें जानना जरूरी है। Mutual Fund एक ऐसा निवेश साधन है जहां कई निवेशकों का पैसा एकत्र किया जाता है और उसे विभिन्न stocks, bonds, या other securities में निवेश किया जाता है। Mutual Fund का मुख्य उद्देश्य समय के साथ धन को बढ़ाना होता है, और इसे विभिन्न Assets में विभाजित करके risk को कम किया जाता है।

Mutual Fund के फायदे?

Mutual Fund में निवेश करते समय आपका पैसा कई अलग-अलग संपत्तियों में वितरित होता है, जिससे जोखिम कम हो जाता है।

एक फंड मैनेजर आपके निवेश को देखता है और सुनिश्चित करता है कि यह फंड के उद्देश्यों के अनुसार हो।

Mutual Fund में निवेश करना सरल है और यह शुरुआती और अनुभवी दोनों प्रकार के निवेशकों के लिए उपयुक्त है।

अब जब हमने Mutual Fund की मूल बातें समझ ली हैं, तो आइए जानते हैं SIP और Lumpsum के बीच का अंतर।

Mutual Fund मे SIP या फिर Lumpsum कौन बेह्तर ?

Mutual Fund में निवेश करते समय, अक्सर यह सवाल आता है कि आपको Systematic Investment Plan (SIP) के जरिए निवेश करना चाहिए या फिर Lumpsum के जरिए। दोनों ही विकल्पों के अपने फायदे और नुकसान हैं, और इसका चुनाव आपकी वित्तीय स्थिति, जोखिम सहन करने की क्षमता और बाजार की परिस्थितियों पर निर्भर करता है। हम SIP और लम्पसम निवेश के अंतर को समझेंगे, ताकि आप जान सकें कि कौन सा विकल्प आपके लिए सबसे उपयुक्त है।

SIP (Systematic Investment Plan) क्या है?

“पहले बात करते हैं SIP यानी Systematic Investment Plan की। इसमें आप हर महीने एक निश्चित राशि mutual Fund में निवेश करते हैं, ठीक वैसे ही जैसे आप अपनी salary से थोड़ी-थोड़ी saving करते हैं।” यह योजना उन लोगों के लिए बेहतरीन है जो धीरे-धीरे निवेश करना चाहते हैं और उनके पास बड़ी राशि एक साथ निवेश करने के लिए नहीं है।

SIP की प्रमुख विशेषताएँ क्या है?

निवेशक नियमित अंतराल (Monthly या Quarterly) पर निवेश करते हैं।

SIP निवेशकों को बाजार की उतार-चढ़ाव से फायदा होता है क्योंकि वे कम कीमत पर अधिक Unit और उच्च कीमत पर कम Unit खरीदते हैं।

SIP निवेशकों को नियमित और अनुशासित बचत करने में मदद करता है, विशेषकर उन लोगों के लिए जो Salaried हैं।

SIP में आप कम राशि से निवेश शुरू कर सकते हैं और जैसे-जैसे आपकी आय बढ़ती है, आप अपने निवेश को बढ़ा सकते हैं।

SIP के क्या लाभ हैं?

Rupee Cost Averaging: SIP का सबसे बड़ा फायदा Rupee Cost Averaging है, जिसमें निवेशक नियमित अंतराल पर एक निश्चित राशि निवेश करते हैं, चाहे बाजार का मूल्य जैसा भी हो। इससे बाजार के उतार-चढ़ाव के बावजूद आप अपनी निवेश लागत को औसत कर सकते हैं और लंबी अवधि में बेहतर रिटर्न पा सकते हैं।

उदाहरण: मान लीजिए आप हर महीने Rs 5,000 SIP में निवेश करते हैं:

  • पहला महीना: NAV (नेट एसेट वैल्यू) Rs 50 है, तो आप 100 Unit खरीदते हैं (Rs 5,000 ÷ Rs 50)
  • दूसरा महीना: NAV Rs 40 हो जाता है, तो आप 125 Unit खरीदते हैं (Rs 5,000 ÷ Rs 40)
  • तीसरा महीना: NAV ₹60 हो जाता है, तो आप 83.33 Unit खरीदते हैं (Rs 5,000 ÷ Rs 60)

तीन महीनों में आपने कुल Rs 15,000 निवेश किया और 308.33 यूनिट्स खरीदीं। प्रति यूनिट औसत लागत Rs 48.64 होती है, जो कि उच्चतम NAV (Rs 60) से कम है।

  • Low risk, high returns: SIP को आमतौर पर कम जोखिम वाला निवेश माना जाता है, क्योंकि इसमें आप समय-समय पर छोटी-छोटी रकम निवेश करते हैं और बाजार के उतार-चढ़ाव से बचने में सफल होते हैं। यह उन लोगों के लिए बेहतरीन है जो एक साथ बड़ी राशि नहीं निवेश कर सकते लेकिन Mutual Fund के लंबे समय में अच्छे रिटर्न चाहते हैं।
  •  SIP निवेशक में अनुशासन विकसित करता है। नियमित निवेश से आप बाजार की टाइमिंग की चिंता किए बिना निवेश कर सकते हैं। यह निवेश को स्वचालित बनाता है, जिससे आप अपने लक्ष्य को आसानी से प्राप्त कर सकते हैं।
  • SIP निवेशकों को चक्रवृद्धि (compounding) का लाभ मिलता है। जब आप नियमित रूप से निवेश करते हैं, तो आपके निवेश पर जो रिटर्न मिलता है, वह फिर से निवेश हो जाता है, जिससे आपके निवेश की वैल्यू में बढ़ोतरी होती है।

SIP के क्या नुकसान हैं?

  1. SIP में आप बाजार के उतार-चढ़ाव के बावजूद नियमित निवेश करते हैं, जिससे हो सकता है कि आप उच्च बाजार में निवेश कर रहे हों। इससे रिटर्न कम हो सकता है, जबकि लम्पसम में बाजार की सही टाइमिंग से बेहतर रिटर्न मिल सकता है।
  2. अगर आप SIP के जरिए निवेश शुरू करते हैं और बाजार गिरता है, तो आपको शुरुआती समय में नकारात्मक रिटर्न मिल सकता है। हालांकि, SIP लंबे समय में बेहतर काम करता है और धैर्य जरूरी है।

Lumpsum निवेश क्या है?

Lumpsum निवेश वह तरीका है जिसमें आप एक बार में बड़ी राशि Mutual Fund में Invest करते हैं। यह तब किया जाता है जब निवेशक के पास बड़ी धनराशि उपलब्ध हो, जैसे कि बोनस या बचत।

Lumpsum निवेश की प्रमुख विशेषताएँ क्या है?

  • पूरा निवेश एक बार में किया जाता है, जबकि SIP में निवेश समय के साथ किया जाता है।
  • यदि बाजार ऊपर की ओर जा रहा है, तो Lumpsum निवेश SIP की तुलना में अधिक रिटर्न दे सकता है।
  • चूंकि पूरी राशि एक बार में निवेश की जाती है, इसलिए निवेश का समय सही होना चाहिए। यदि बाजार गिरता है, तो नुकसान हो सकता है।

लम्पसम निवेश के क्या लाभ हैं?

तेजी से वृद्धि की संभावना: यदि आपके पास बड़ी राशि है और बाजार एक बेहतर स्थिति में है, तो लम्पसम निवेश से आपको अधिक लाभ हो सकता है। बाजार की शुरुआत से ही पूरा पैसा ग्रोथ में लग जाता है, जिससे आपकी संभावित रिटर्न बढ़ जाती है।

  1. यदि बाजार में तेजी (बुल मार्केट) है, तो लम्पसम निवेश से आप बाजार की बढ़त का पूरा फायदा उठा सकते हैं। चूंकि पूरी राशि पहले ही निवेश की जाती है, इसलिए आपको तुरंत बाजार की ग्रोथ का लाभ मिलता है।
  2. लम्पसम निवेश में आपको बार-बार निवेश की जरूरत नहीं होती। एक बार निवेश करके आप बाजार की चाल पर ध्यान दे सकते हैं और अपने निवेश को बढ़ते देख सकते हैं।

Note : म्यूचुअल फंड में निवेश करते समय, केवल एक बार में बड़ी राशि निवेश करना जरूरी नहीं है। आप छोटे-छोटे Lumpsum निवेश भी कर सकते हैं, खासकर तब जब बाजार के भाव (NAV) कम हों। उदाहरण के तौर पर, अगर किसी फंड का NAV Rs 50 से घटकर Rs 40 हो जाता है,  तो यह सही समय होता है कि आप Rs 10,000 जैसे छोटे निवेश करें। इसी तरह, यदि NAV Rs 60 तक बढ़ता है, तो उस समय खरीदारी से बचें। इसके बजाय, NAV घटकर Rs 30 होने पर दोबारा खरीदारी करें।

इस रणनीति से, आप निवेश तब करेंगे जब NAV कम हो, जिससे आपको अधिक यूनिट्स मिलेंगी और कुल लागत कम रहेगी। इस तरह का रणनीतिक निवेश आपको बाजार के उतार-चढ़ाव से अधिकतम लाभ प्राप्त करने में मदद करता है। इस प्रकार, छोटे-छोटे Lumpsum निवेश से आप बेहतर लाभ के लिए सही समय का इंतजार कर सकते हैं।

SIP या Lumpsum कौन बेहतर है?

अब सवाल उठता है कि SIP और Lumpsum में से कौन सा विकल्प आपके लिए बेहतर है। इसका उत्तर आपकी आर्थिक स्थिति और बाजार की परिस्थितियों पर निर्भर करता है।

SIP और लम्पसम दोनों ही Mutual Fund में निवेश के बेहतरीन तरीके हैं। SIP उन निवेशकों के लिए अच्छा है जो नियमित रूप से छोटी राशि निवेश करना चाहते हैं, जबकि लम्पसम उन लोगों के लिए बेहतर है जिनके पास एकमुश्त बड़ी राशि है।

“तो अब सवाल आता है कि SIP और लम्पसम में से कौन सा option बेहतर है? ये पूरी तरह आपकी आर्थिक स्थिति और बाज़ार की परिस्थितियों पर निर्भर करता है।

1. मार्केट टाइमिंग: अगर बाजार नीचे है और आपके पास बड़ी राशि है, तो लम्पसम से अधिक लाभ हो सकता है। लेकिन बाजार का सटीक अनुमान लगाना मुश्किल है। 

2. सुविधा: अगर आपके पास बड़ी राशि नहीं है, तो SIP एक अच्छा विकल्प है, जिससे आप छोटे-छोटे निवेश से शुरुआत कर सकते हैं। और साथ ही साथ इसमें Rupee Cost Averaging आपकी मदद करेगा और आपको loss में नहीं जाने देगा। 

3. जोखिम: लम्पसम निवेश तब जोखिम भरा हो सकता है जब बाजार गिर रहा हो, जबकि SIP मैं ऐसा नहीं है इसमें  जब बाजार गिर रहा है तो आप ज्यादा यूनिट खरीदने हैं और जब बजार बढ़ रहा है तो आप काम यनिट खरीदने हैं। इसमें आप हमेशा प्रॉफिट पर ही देखेंगे। 

आपके लिए क्या सही है?

“अगर आप नए invester हैं और नियमित रूप से निवेश करना चाहते हैं बिना मार्केट टाइमिंग की चिंता किए, तो SIP आपके लिए सही है। ये अनुशासन बनाता है और जोखिम को कम करता है।”

“लेकिन अगर आपके पास बड़ी राशि है और आप मानते हैं कि बाजार आपके पक्ष में है, तो लम्पसम निवेश से आपको तेज़ी से बेहतर रिटर्न मिल सकते हैं। बस याद रखें, इसमें जोखिम ज्यादा है।”

SIP और लम्पसम दोनों के अपने-अपने फायदे हैं। सही विकल्प चुनना आपकी आर्थिक स्थिति, risk उठाने की क्षमता और बाजार की स्थिति पर निर्भर करता है।”

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